बड़ा घर , कई कमरे ,
रहने वाला कोई नहीं।
कहानी है, ये इंडिया की ,
अमीरजादों , ऐशजादों की।
सर्द , शीत , अंधड़ , बरसाती ,
दिन या रात, बीच सड़क के बीचोबीच,
बेघरों से , रहते जो ,
दो बिजली के खम्बो के बीच ,
कहानी है , ये हमारे हिंदुस्तान की।
मर्म है , प्यार है ,त्याग है ,
जिन्दा रहने और जीने की,
जुनून है।
सर्द रातो को चीर के , बुलंदी की ,
परचम लहराने की आस है।
वर्तमान है , ये हमारे हिंदुस्तान की।
यही वो नौनिहाल है ,
बैठा है जमी पे आज ,
सड़क की मध्यम सी रौशनी में,
हाथो में ले फटी किताब ।
भविष्य है , ये हमारे हिंदुस्तान की।
गरीबी , बदहाली, कुपोषित ,
से लड़ता , असंख्य नामो से नेमित ,
छोटू , नन्हे , राजू , आमीर या हैदर है।
यह तो वह अग्र, अधीर वीर है ,
जो कल का कर्मवीर है।
मंगल , शुक्र , चंद्र, तारो ,के बीच,
पहुँचने वाला अपना वही ,
सड़क के पाटो के बीच ,
बैठनेवाला शूरवीर है।
पिकाचु
रहने वाला कोई नहीं।
कहानी है, ये इंडिया की ,
अमीरजादों , ऐशजादों की।
सर्द , शीत , अंधड़ , बरसाती ,
दिन या रात, बीच सड़क के बीचोबीच,
बेघरों से , रहते जो ,
दो बिजली के खम्बो के बीच ,
कहानी है , ये हमारे हिंदुस्तान की।
मर्म है , प्यार है ,त्याग है ,
जिन्दा रहने और जीने की,
जुनून है।
सर्द रातो को चीर के , बुलंदी की ,
परचम लहराने की आस है।
वर्तमान है , ये हमारे हिंदुस्तान की।
यही वो नौनिहाल है ,
बैठा है जमी पे आज ,
सड़क की मध्यम सी रौशनी में,
हाथो में ले फटी किताब ।
भविष्य है , ये हमारे हिंदुस्तान की।
गरीबी , बदहाली, कुपोषित ,
से लड़ता , असंख्य नामो से नेमित ,
छोटू , नन्हे , राजू , आमीर या हैदर है।
यह तो वह अग्र, अधीर वीर है ,
जो कल का कर्मवीर है।
मंगल , शुक्र , चंद्र, तारो ,के बीच,
पहुँचने वाला अपना वही ,
सड़क के पाटो के बीच ,
बैठनेवाला शूरवीर है।
पिकाचु
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