अंदाज ए बयां , वक्त का ,
शाज , शहनाई , श्रृंगार कर,
छठा-घटा में ,कर्म की साधना की ,
ज्योति,
अंदाज ए बयां , वक्त के साथ जलायेगा।
विस्मित है वो , मदहोश है वो ,
प्रीत के ब्यार के नव बौछार से।
पल ये अगला , रीत क्या लायगा।
धड़कते दिल की, धधकते अग्न से ,
श्रुति मीत का , संगीत प्रणय का ,
मन आंगन में,यौवन की कोपल,
अंदाज ए बयां , वक्त के साथ खिलायेगा।
भँवरे कली की.संयोग की बेला ,
मन ये बावला , तन ये कम्पन।
मित प्रीत के सम्भोग के उद्धव से ,
सृष्टि में अब फिर कोई, नव ब्यार,
प्रेम का ,
अंदाज ए बयां , वक्त के साथ बहायेगा।
पिकाचु
शाज , शहनाई , श्रृंगार कर,
छठा-घटा में ,कर्म की साधना की ,
ज्योति,
अंदाज ए बयां , वक्त के साथ जलायेगा।
विस्मित है वो , मदहोश है वो ,
प्रीत के ब्यार के नव बौछार से।
पल ये अगला , रीत क्या लायगा।
धड़कते दिल की, धधकते अग्न से ,
श्रुति मीत का , संगीत प्रणय का ,
मन आंगन में,यौवन की कोपल,
अंदाज ए बयां , वक्त के साथ खिलायेगा।
भँवरे कली की.संयोग की बेला ,
मन ये बावला , तन ये कम्पन।
मित प्रीत के सम्भोग के उद्धव से ,
सृष्टि में अब फिर कोई, नव ब्यार,
प्रेम का ,
अंदाज ए बयां , वक्त के साथ बहायेगा।
पिकाचु
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