वो कहते, कुछ हो गया है,
दिल फुस तार हो गया है,
इशिक़या बुखार हो गया है।
वो कहते,
रातो रात, ये क्या हो गया है ,
दिल क्यों, बेजार हो गया है।
मैं कहता ,
मुझको मेरा प्यार मिल गया,
४४० वाल्ट का इश्किया औजार चल गया ।
वो कहते,
कुछ नशा सा हो गया है।
मयख़ाना का प्रमाचार मिल गया है।
मैं कहता , नूरे दीदार हो गया ,
इस मधुशाला से प्यार हो गया है।
वो कहते,
कविता में रूह आ गई है ,
मैं कहता,
मेरी अरमान आ गई है।
इस मयखाने की बंद ,
वो सुरा की दुकान फिर खुल गई ।
पिकाचु
दिल फुस तार हो गया है,
इशिक़या बुखार हो गया है।
वो कहते,
रातो रात, ये क्या हो गया है ,
दिल क्यों, बेजार हो गया है।
मैं कहता ,
मुझको मेरा प्यार मिल गया,
४४० वाल्ट का इश्किया औजार चल गया ।
वो कहते,
कुछ नशा सा हो गया है।
मयख़ाना का प्रमाचार मिल गया है।
मैं कहता , नूरे दीदार हो गया ,
इस मधुशाला से प्यार हो गया है।
वो कहते,
कविता में रूह आ गई है ,
मैं कहता,
मेरी अरमान आ गई है।
इस मयखाने की बंद ,
वो सुरा की दुकान फिर खुल गई ।
पिकाचु
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