Friday, January 27, 2017

वो कहते

वो कहते, कुछ हो गया है,
दिल  फुस तार  हो गया है,
इशिक़या  बुखार हो गया है।

वो कहते,
रातो रात, ये क्या हो गया है ,
दिल क्यों, बेजार हो गया है।
मैं कहता ,
मुझको मेरा प्यार मिल गया,
४४० वाल्ट का इश्किया औजार चल गया ।

वो कहते,
कुछ नशा सा हो  गया है।
मयख़ाना का प्रमाचार  मिल गया है।
मैं कहता , नूरे  दीदार हो गया ,
इस  मधुशाला से प्यार हो गया है।

वो कहते,
कविता में  रूह आ गई है ,
मैं कहता,
मेरी अरमान आ गई है।
इस मयखाने की बंद  ,
वो  सुरा की  दुकान फिर खुल गई ।

पिकाचु




No comments:

Post a Comment