Tuesday, January 17, 2017

लटकम , झटकम , दही का मट्ठा

लटकम , झटकम ,
दही का मट्ठा ,
गुपचुप , चप चप  ,
दही का भल्ला ,
चाट पापड़ी , कुरकुरे समोसा ,
जीभ चटकाते , खाते झटपट।

छोटा , छोटी , मोटा , मोटी ,
दीदी, भैया , पापा , मम्मी,
पलटन लेकर खड़े है, सब।
गिनती अपना कब आएगा।
इन्तेजार में अपनी ,
कही,
चाट पापड़ी , खत्म न हो जाये।

लार टपकाते कब तक बैठे ,
इन्हें  चबाने कब दोगे भैया।
कब तक रोके अपनी जिह्वा ,
लटकम झटकम , चिल्ला  रहे भैया।

चाट, पकौड़ी , गुपचुप , पापड़ी ,
जल्दी जल्दी खाने दो।
नशा तो अपना  खाना है ,
खाकरा , थेपला ,ढोकला ,
अभी तो बाकी ,
लटकम झटकम दही का मट्ठा।

पिकाचु 

No comments:

Post a Comment