सौदा दिल का उसने ही किया ,
जिसे दिल, मैंने , संभालने को दिया ।
बेवफा वो नहीं , बेवफा ये है ,
दफन ,मुर्दे को भी जिन्दा कर दिया,
एहसासों से मरने के लिए ।
थमाया था विश्वास की पूंजी इंसान को ,
उसी ने भोंक दिया खंजर
बड़े ईमान से।
पड़ा हु फर्श पर लथपथ खून या पसीने से ,
फिक्र किसे है ।
यहाँ हर शख्स लगा है होड़ में,
लहू पिने को ,
जिन्दा रहने के लिए।
राजनीति होती थी , ताज तख़्त के ताजपोशी को ,
राजनीति होती है , इंसानियत को दफनाने की।
कभी रौशनी थी रहनुमाओ की इंसाफ की ,
आज बस लौ जिन्दा है, शमशान के रूहो से।
पिकाचु
जिसे दिल, मैंने , संभालने को दिया ।
बेवफा वो नहीं , बेवफा ये है ,
दफन ,मुर्दे को भी जिन्दा कर दिया,
एहसासों से मरने के लिए ।
थमाया था विश्वास की पूंजी इंसान को ,
उसी ने भोंक दिया खंजर
बड़े ईमान से।
पड़ा हु फर्श पर लथपथ खून या पसीने से ,
फिक्र किसे है ।
यहाँ हर शख्स लगा है होड़ में,
लहू पिने को ,
जिन्दा रहने के लिए।
राजनीति होती थी , ताज तख़्त के ताजपोशी को ,
राजनीति होती है , इंसानियत को दफनाने की।
कभी रौशनी थी रहनुमाओ की इंसाफ की ,
आज बस लौ जिन्दा है, शमशान के रूहो से।
पिकाचु
nice..har koi hod me h
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