Monday, January 16, 2017

अमिता का अमिताभ

चढ़ती खुमार ,
है ये, प्यार  का बुखार ,
भूलते है यार ,
रब की दरकार,
बस चाहे तेरा प्यार , ओ मेरे यार।

कितने ही किस्से हो ,
कितने अफ़साने हो,
हम तो बेगाने हो ,
प्यार के दीवाने हो ,
बस चाहे तेरा प्यार , ओ मेरे यार।

ढलता नहीं है तेरा नशा ,
चढ़ता है, ये अंगूरी नशा,
जितने पुराने होये ,
बस चाहे तेरा प्यार , ओ मेरे यार।


कौमुदी का कौमार्य हो  ,
अमिता का अमिताभ हो  ,
मिश्री सा सहचर बन ,
सागर सा असीम बन ,
चाहता हु ,
सिर्फ तुम्हें  मैं। ओ मेरे यार।


पिकाचु 

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