Wednesday, February 1, 2017

माँ के सपनो को पूरा करना है

मुझे कुछ बनना है ,
ख्वाबो को हकीकत से रूबरू करना है।
फड़फड़ाते हुए पंछियो संग,
आसमान की  बुलंदियों को छुना है।
मुझे  बनना है।

मुझे कुछ रचना है,
सृष्टि की सरंचना को , संजोये रख ,
कुछ रचना है।

मुझे बहना  है ,
धारा के बहावो को ,
बांधो में न ऊकेर के  ,
मुझे बहना  है।

मुझे रहना है ,
माँ के आँचल के छाँव में ,
ममता के आँगन के बीच  ,
मुझे रहना है।

मुझे बस उस माँ के,
कांधो का सहारा बन ,
उसके ,
अधूरे सपने में  कुंचो से रंग भरना है।
बस ,
मुझे माँ के सपनो को पूरा करना  है।

पिकाचु

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