complaintcare
Saturday, February 4, 2017
कब तक
कब तक लिखता मिटाता रहूँगा ,
ख्यालो से तेरा नाम हटाता फिरूँगा ,
संभलना अगर आता तो ,
तेरी ख्यालो में खुद को दफन कर ,
आलम आशिकाना बना जाता।
पिकाचु
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