Friday, February 3, 2017

सच्चा मन , सच्चा धन

सच्चा मन , सच्चा धन ,
सर्वत्र  नमन ,सदा  सान्निध्य।

याद करे दुनिया इनको ,
रक्षक , सर्वहारा,माने इनको।
धन बल की नहीं कामना ,
कुचक्र , क्लेश, काम की,
करते नहीं, ये आराधना।

सच्चा मन , सच्चा धन ,
स्वजनों की सेवा उपासना ,
मन की हो, ये सदा कामना।

सत्य असत्य की भाव विचार,
सहैवे  साथ तीर कमान सा।
उग्र , अधीर , दुर्भावना,
कोप, रोष , द्वेष की भावना ,
का ही सर्वभूत सम्भावना।

वर्तमान अपना स्वार्थ साधना ,
निर्दयी विचार का उद्विग्न प्रहार।
संरक्षित कर ले तू ,
सत्य विचार की भावुक कामना।

धरती , आकाश या हो ब्रह्माण्ड।
सच्चा मन , सच्चा धन ,
रहे हमेशा, हर पल साथ।

डर मत,
आगे बढ़ ,
प्रेम शांती की अमर ये वाणी,
ईश्वर है।


पिकाचु 

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