Monday, February 6, 2017

मकदूम चकदुम :

मकदूम चकदुम ,
अकड़म पकड़म ,
लटकम झटकम ,
मकई का दाना।

चूहा बिल्ली ,
हाथी घोडा,
गाय , भैस ,
सपने है।

आज तो केवल
दिखेंगे मकदूम,
दिखेंगे चकदुम।

छोटा , बड़ा ,
शहर हो कैसा ,
मकदूम चकदुम,
है जेब से,
ठन ठन।
लेकिन पैसा,
मिले है इनको , किस्तो में।

मकदूम चकदुम,
सोच को बेच ,
बने है राजा ,
दो कमरो की पाटो में।

रानी अपनी और सयानी ,
ठोर की लाली ,
लब लब रद पद,
लाड़ लगाके ,
ठोर सजाके ,
लटकम झटकम ,
देख  दिखाने  ,
बनी  सयानी ।

झुमा झटकी,
पकड़ा पकड़ी ,
मकदूम चकदुम,
है पिया लुगाई,
लगे है भाई।

समय की करवट
उल्टी  पलटी ,
ज्ञानी आज, बना है मुर्ख।
सोच तो सबकी ,
मकदूम चकदुम।

सपने में ही रहना भाई ,
लटकम झटकम , है एक बीमारी ,
फिसले  अगर तो ,
चालू हो जाये ,
खेल ये अपना
अकड़म पकड़म ,
लटकम झटकम।

पिकाचु

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