Tuesday, February 7, 2017

मोहब्बत मुझको है पसंद

मोहब्बत को, मैं नहीं पसंद ,
मोहब्बत मुझको, है पसंद।

मोहब्बत है तो  बेचैन हु ,
मोहब्बत नहीं तो,
मैं नम हु।

दिल  नासाज है, मुहब्बत का ,
फिर क्यों ,
धड़कन हमारे, मोहब्बत, मोहब्बत कह ,
बेधड़क, धड़क रहे  है।

मोहब्बत से  इजहार,
मोहब्बत से इकरार ,
मोहबत का करार ,
कुछ न कर पाया।
सिर्फ ,
मैं मोहब्बत में बेकरार, हो पाया।

मोहब्बत की भी, तो,
किस से की,
आधे रस्ते में ही ,
वो मोहब्बत का तिजारत कर ,
खाक ए  सुपुर्द कर  ,
किसी और के मोहब्बत गुनगुनाते ,
यु ही ,रुखसत हुए जा रहे है।

मोहब्बत न तू, यु घबरा ,
तसव्वुर कर की, मैं कबूल हु ,
तो मैं बादशाह,
नहीं तो मोहबत्त के कलम का,
मैं एक जलता फ़क़ीर हु।

पिकाचु 

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