मैंने मोहब्बत ख़रीदे ,
चंद खिलते हुए चेहरो के लिये।
साथ चाहा है ,
आप सभी का।
जब कभी भी ,
निजात मिल जाये,
अपनी लहराती हुई,
मोबाइल की , उंगलियो से।
बता देना तुम,
हमको भी - उसको भी ।
चल - चलेंगे।
टुटहा से जिंदगी में,
रौशनी और मोहबत के,
सतरंगी दिये जलाने।
पिकाचु
चंद खिलते हुए चेहरो के लिये।
साथ चाहा है ,
आप सभी का।
जब कभी भी ,
निजात मिल जाये,
अपनी लहराती हुई,
मोबाइल की , उंगलियो से।
बता देना तुम,
हमको भी - उसको भी ।
चल - चलेंगे।
टुटहा से जिंदगी में,
रौशनी और मोहबत के,
सतरंगी दिये जलाने।
पिकाचु
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