Friday, November 18, 2016

दुख मिला ख़ुशी से


दुख मिला ख़ुशी से ,
झूम उठा ख़ुशी से।

रोता मिला हँसते से ,
हँसाते गया ज़माने से।

गम मिला शराब से ,
हलक हुआ है गले से।

प्रेयसी  मिले जो  प्रेमी से ,
अग्न बुझे  है  जिस्म से ।

नीति मिला राजनीति से ,
लिख दिया विधान को।

दोस्त मिला जो दोस्ती से ,
खो न देना दुश्मनी में।

आशिक़ मिला आशिक़ी से ,
बेशुद्ध हुआ है  खुदी से।

ज्योति मिली रवि से ,
दम्भित हुई है गर्व से।

कर्तव्य मिला योगी  से ,
कर्मठ  हो उठा, इंसान स्वयं से।

देश मिले है किस्मत से ,
खो न देना इसे वैमन्सय से।


पिकाचु
www.complaintcare.blogspot.in


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