Wednesday, September 21, 2016

भाई ऐसा कब तक चलेगा

भाई ऐसा कब तक चलेगा , बॉस ने बोला ,
जब तक चल सकता है तब तक चलेगा , मैंने बोला।

भाई ऐसा नहीं  चलेगा , बॉस ने बोला ,
ठीक है जैसा चल रहा है चलेगा , मैंने बोला।

बॉस को खीज आया , ऐसा लगा जोरो से जुकाम का झिक आया ,
गला खड़खड़ाया और जोर से चिल्लाया , भैया ऐसा कब तक चलेगा।

दिला दो , करा दो , मैंने बोला , मानवता के नाते ,
मेरे बॉस,  चिल्लाने के अलावा और भी कुछ करा दो।

बॉस को और जोर से गुस्सा आया , क्या समझा है ,
तुझे दरवाजा दिखाता हूँ , नहीं तो नागालैंड भेजता हूँ ।

मैंने बोला बॉस जाने के लिए तो मैं भारत में कही भी चला जाऊ,
पर मेरा  कुछ  तो करवा दो ,नहीं तो मुझे लॉक  अप  में ही  बंद करवा दो।
बहुत हो गया ये चिक -चिक। , बहुत हो गया ये चिक -चिक।

क्या करवा दो , दिला  दो लगा रखा है ,
भाई माजरा क्या है , कुछ तो बता दो।

मेरे बॉस दुनिया में अकेला हूँ , साथ में कवि हो रखे ला हूँ,
इसके ऊपर से  निम् चढे करेला है की , प्यार करने की शोहबत पाल रखेला  हूँ।
जिसे हमने  आज तोहमत   बना रखेला  है।

मेरे बॉस,  न मुझे  इक़बाल या  गालीब  या इंकलाब   बनना  था ,
मुझे तो बस एक इंसान के साथ इंसान  बनना  था।
कुछ  न दिलाओ ,  बस ये दरियादिली दिखाओ,
की तुम भी हमारे साथ आओ , और साथ जी के दिखाओ।
और फिर बोलकर दिखाओ की भाई ऐसा कब तक चलेगा !!!!!!!!!





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