लहर है लहर ,
प्यार तो तेरा,
था , एक जहर।
कहर है कहर ,
तेरी हुस्न का था ,
ये कहर।
मौजू हु मैं ,
साहिल हु मैं ,
फाजिल हु मैं ,'
ये कैसी अहम में ,
घायल थे, हम।
ये ग्रहण था, कैसा।
हम तुम तो लड़ते ,
बुझा दी जवानी ,
झुलसा दी रवानी ,
आबो हवा की , गर्मी में क्यों।
चले हम तुम कब।
हाथो में हाथ ,
पाके मुहब्बत के ,
सच्चे जज्बे के साथ।
कमर थी झुकी ,
नजर थी बुझी,
कोई न था जब।
तब छड़ी बन हम-तुम,
हर वहम को मिटा,
हर अहम को हटा ,
चले एक दूजे के हो ,
हर डगर पे साथ।
मुहब्बत का तराना,
गाते हुए ,
लहरो के सहारे,
डगमगाते हुए ,जिंदगी की ,
आखरी पड़ाव पे ,
हर सितम को भुला ,
चले हम तुम साथ।
बस चले हम तुम साथ।
पिकाचु
प्यार तो तेरा,
था , एक जहर।
कहर है कहर ,
तेरी हुस्न का था ,
ये कहर।
मौजू हु मैं ,
साहिल हु मैं ,
फाजिल हु मैं ,'
ये कैसी अहम में ,
घायल थे, हम।
ये ग्रहण था, कैसा।
हम तुम तो लड़ते ,
बुझा दी जवानी ,
झुलसा दी रवानी ,
आबो हवा की , गर्मी में क्यों।
चले हम तुम कब।
हाथो में हाथ ,
पाके मुहब्बत के ,
सच्चे जज्बे के साथ।
कमर थी झुकी ,
नजर थी बुझी,
कोई न था जब।
तब छड़ी बन हम-तुम,
हर वहम को मिटा,
हर अहम को हटा ,
चले एक दूजे के हो ,
हर डगर पे साथ।
मुहब्बत का तराना,
गाते हुए ,
लहरो के सहारे,
डगमगाते हुए ,जिंदगी की ,
आखरी पड़ाव पे ,
हर सितम को भुला ,
चले हम तुम साथ।
बस चले हम तुम साथ।
पिकाचु
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