काश मैं होता खाश ,
जिंदगी में जब होता ,
कोई संज्ञा , कोई क्रिया और,
एक विशेषण का साथ।
काश किस्मत होती साथ ,
वक्त लिखता अपनी ,
दोनों हाथो ,से एक साथ।
काश खेल में नहीं होते ,
इतने शह मात की सांप सीढ़ी,
होता एक पाशा ,जिसकी संख्या,
काश हथेलियो की मुठीबन्द में,
मनमुताफिक रहता, अपने पास ।
काश ,मैं एक बुत होता ,
काश मैं एक संवेदना होता ,
काश , मैं ही मैं होता ,
तो क्या ,
जीत , हार , ख़ुशी ,
गम , धोखा , बेखुदी नहीं होता।
काश एक ऐसा जमी होता ,
जहाँ कोई कमी नहीं होता ,
जहाँ मजहब , जात पात ,
या इंसान का रंग नहीं होता
बस, इंसानियत बसा होता।
काश मेरी तलाश , में,
आपका साथ होता , तो
ये दुनिया सभी के लिए ,
खुशियो का सौगात होता।
पिकाचु
जिंदगी में जब होता ,
कोई संज्ञा , कोई क्रिया और,
एक विशेषण का साथ।
काश किस्मत होती साथ ,
वक्त लिखता अपनी ,
दोनों हाथो ,से एक साथ।
काश खेल में नहीं होते ,
इतने शह मात की सांप सीढ़ी,
होता एक पाशा ,जिसकी संख्या,
काश हथेलियो की मुठीबन्द में,
मनमुताफिक रहता, अपने पास ।
काश ,मैं एक बुत होता ,
काश मैं एक संवेदना होता ,
काश , मैं ही मैं होता ,
तो क्या ,
जीत , हार , ख़ुशी ,
गम , धोखा , बेखुदी नहीं होता।
काश एक ऐसा जमी होता ,
जहाँ कोई कमी नहीं होता ,
जहाँ मजहब , जात पात ,
या इंसान का रंग नहीं होता
बस, इंसानियत बसा होता।
काश मेरी तलाश , में,
आपका साथ होता , तो
ये दुनिया सभी के लिए ,
खुशियो का सौगात होता।
पिकाचु
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